Tuesday 14 February 2017

Mass effect

The SCIENCE STREAM JUNCTION™ published

•••• घडी का वजन••••

पिछले दिनों मुझे कुछ ऐसे पेपर पढने को मिले जिन्हे खुद Albert Einstein ने लिखा था उनके original पेपर , अभी तो वो पेपर में पुरी तरह से नही पढ सकी हुँ पर हाँ जो उसमे से मेंं पढ और समझ पाई उसमें सबसे रोचक है ये question....

. आपके पास दो identical watch है mass equal  हैं dimensions equal हैं कहने का.मतलब है कि A to Z दोनो हर चीज में बराबर है अब सवाल ये है कि दोनो में से कौन सी watch का वजन ज्यादा होगा......अगर एक घडी चल रही हो और दुसरी रूकी हुई हो.......?

   अब जो ये problem है उसमे हमें ये सिखने को मिलेगा की हम कैसे किसी concept को सिर्फ आधा अधुरा समझते हैं

चलो पहले जो ऊपर question दिया हुआ हैं उसका answer सोचो......आपके पास ऊतना समय है जितना आप लेना चाहते है।  1 मिन्ट से लेकर 1 दिन तक..... सोचो और जब किसी फैसले पर पहुचो तब नीचे पढना
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अगर आप ने बिना कुछ सोचे ही निचे पढना शुरू कर दिया हैं तो इस आर्टिकल को पढ कर भी आपको कोई benefit नही होने वाला...... 😟😟👆




चलो अब काम कि बात....अगर आप में से कोई ऐसा हो जिसने गीता पढी हो तो definitely वो इसका ऊत्तर जानता होगा....


मेरे सवाल के हिसाब से दोनो घडीयां एक जैसी थी तो अगर हम दोनो का वजन करे तो दोनो का वजन बाराबर आना चाहिऐ?....... लेकिन आता नहीं!  क्यों ?  सबसे पहले तो इस बात का ध्यान करो की आपके पास एक इतना accurate balance होना चाहिऐ जो वजन में होने वाली 1/1000000000 को भी माप सकें......

  और ऐसा सिस्टम उपलब्ध हैं

अब होता क्या है की जब हमारी घडी रूकी हुई होती है तब अगर उसमें वजन अगर 1 किलो. है तो वो उतना ही रहता है कोई बढोतरी नही होती पर अगर हमारी घडी चल रही हैं तब उसमें गाति होती है यानि motion & according to GITA हमारे कर्म का दबाव हमारी आत्मा पर पडता है और उसके अनुसार ही वो भारी भी हो जाती है...... यानि चलति हुई घडी ज्यादा भारी होगी रुकी हुई घडी से.....
😫😫😫😫😫😫

So irritating है ना......

अधिकयर लोग ये सोच रहे होगें की ये भी कोई बात हुई ..........

I know that..

अब मैं दुसरी explanation देती हुँ उन के लिऐ जो वैदिक साइंस पर भरोसा नही करते......

E=MC2  ये equation और हर इंसान को पता होनी चाहिऐ जो साइंस के आधार पर इस सवाल को समझना चाहता है.  पर शायद आपको हैरानि हो लेकिन आंइस्टाईन ने कभी इस समीकरण को ऊर्जा के लिऐ लिखा ही नही था उनँहोने originally जो equation लिखी वो कुछ यु थी M=E/C2  i.e वो समीकरण वजन के लिऐ थी ना की ऊर्जा के लिऐ .

   अब होता क्या है की जो घडी चल रही है उसके पास उर्जा होती हैं पर रूकी हुई घडी के पास ऊर्जा नहु होती..... चलती हुई घडी के पास kinatic energy  होती हैं मतलब की जो ऊर्जा उसे चालाती है और वो ऊर्जा Einstein  के समीकरण के अनुसार किसी ना किसी वजन के बराबर होगी। जैसे.  अगर हमारी घडी में 100 जूल kinatic energy है तो वो 100/3×10^8 =0.0000033किग्रा• के बराबर होगी.......

   & That why रूकी हुई घडी का वजन चलती हुई घडी से कम होता है.....



अभी क्योकीं में उन पेपर को पढ रही हुँ जो Einstein ने लिखे थे that's why मे ज्यादा विस्तार से नही लिख पाई.    लेकिन बहुत जल्दी Theory of Relativity पर आसान शब्दो में एक सिरीज में पोस्ट करूगीं......

और आप बेझिझक सवाल भेज सकते हैं इस topic पर.

For more SCIENCE stuff cluck below





Written by: Simmi Chauhan

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